शुक्रवार, 11 जनवरी 2019

पुण्यतिथि पर कायस्थ शिरोमणि शास्त्री जी को शत शत नमन

देश के दूसरे प्रधानमंत्री भारत रत्न कायस्थकुल भूषण लाल बहादुर शास्त्री की पूण्यतिथि आज
पुण्यतिथि पर उन्हें भावपूर्ण श्रधांजलि व शत शत नमन

शास्त्री जी ने अपने कार्यकाल के दौरान देश को कई संकटों से उबारा. साफ-सुथरी छवि के कारण उनका बहुत सम्मान किया जाता था.
1964 में जब वह* *प्रधानमंत्री बने तब देश में खाने कई चीजें आयात करनी पड़ती थी.1965 में पाकिस्तान से जंग के दौरान देश में भयंकर सूखा पड़ा. तब उन्होंने देशवासियों से एक दिन का उपवास रखने की अपील की. उन्होंने कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए जय जवान जय किसान' का नारा दिया.
नेहरू के देहावसान हो जाने के बाद साफ सुथरी छवि के कारण शास्त्रीजी को 1964 में देश का प्रधानमन्त्री बनाया गया।उन्होंने 9 जून 1964 को भारत के प्रधान मन्त्री का पद भार ग्रहण किया।उनके शासनकाल में 1965 का भारत पाक युद्ध शुरू हो गया। इससे तीन वर्ष पूर्व चीन का युद्ध भारत हार चुका था। शास्त्रीजी ने अप्रत्याशित रूप से हुए इस युद्ध में नेहरू के मुकाबले राष्ट्र को उत्तम नेतृत्व प्रदान किया और पाकिस्तानको करारी शिकस्त दी।
इसकी कल्पना पाकिस्तान ने कभी सपने में भी नहीं की थी। ताशकन्द में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब ख़ान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में ही रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी।
जिस रात शास्त्री की मौत हुई, उस रात खाना उनके निजी सहायक रामनाथ ने नहीं, बल्कि सोवियत रूस में भारतीय राजदूत टीएन कौल के कुक जान मोहम्मद ने पकाया था. खाना खाकर शास्त्री सोने चले गए थे. उनकी मौत के बाद शरीर के नीला पड़ने पर लोगों ने आशंका जताई थी कि शायद उनके खाने में जहर मिला दिया गया था. उनकी मौत 10-11 जनवरी की आधी रात को हुई थी.

उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिये मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

देश के उस वीर सपुत को शत शत नमन व भावपूर्ण श्रद्धांजलि

मंगलवार, 8 जनवरी 2019

देश के 202 रेलवे स्टेशनों पर होगी हाई सिक्युरिटी, यात्रियों को गहन जांच प्रक्रिया से होगा गुजरना

202 स्टेशनों पर ट्रेन पकड़ने 20 मिनट पहले पहुंचना होगा जरूरी, आंतरिक सुरक्षा होगी चुस्त-दुरुस्त


देश के 202 रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को ट्रेन पकड़ने के लिए 20 मिनट पहले पहुंचना होगा. क्योंकि अब एयरपोर्ट के तर्ज पर ही रेलवे स्टेशनों पर भी जांच की प्रक्रिया जाएगी. बता दें कि रेलवे ने 26/11 मुंबई हमले के बाद एक रेलवे समिति बनाई थी, जो ये बता सके कि स्टेशनों की आंतरिक सुरक्षा कैसे हो? उसी रिपोर्ट के आधार पर रेलवे ने 202 स्टेशन का चयन किया है, जहां हाई लेवल सिक्योरिटी इक्विपमेंट लगेंगे और गलत तरीके से खोले गए एंट्री-एग्जिट प्वाइंट बंद किए जाएंगे.

उन रेलवे स्टेशनों की लिस्ट इस प्रकार है:


सेंट्रल रेलवेः भुसावल, नासिक रोड, मनमाड़, जलगांव, अकोला, मुर्तजापुर, बाड़नेरा, नागपुर, पुणे, मिराज, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, दादर, कुर्ला, लोकमान्य तिलक टर्मिनल, ठाणे, कल्याण

ईस्टर्न रेलवेः मालदा, वर्धमान, आसनसोल, दुर्गापुर, सियालदाह, कोलकाता, दमदम, हावड़ा

कोलकाता मेट्रोः दमदम जंक्शन, गिरीश पार्क, महात्मा गांधी रोड, सेंट्रल, चांदनी चौक, पार्क स्ट्रीट, मेडन, रबीन्द्र सदन, नेताजी भवन, जतिनदास पार्क, कालीघाट, रबीन्द्र सरोबर

ईस्टर्न सेंट्रेल रेलवेः धनबाद, मुगलसराय, पटना जंक्शन, राजेन्द्र नगर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, रक्सॉल

ईस्ट कॉल्ट रेलवेः पुरी, कटक, भुवनेश्वर, विशाखापटनम

नॉर्दन रेलवेः नई दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, फैजाबाद, अयोध्या, श्रीनगर, बड़गाम, अनंतनाग, जम्मू-तवी, ऊधमपुर, अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, अंबाला, सहारनपुर, कालका, भटिंडा, चंडीगढ़, पटियाला, बरेली, मुरादाबाद, हरिद्वार, पंजगांव, अवंतीपुर, काकापुर, दिल्ली कैंट, निजामुद्दीन, आनंदविहार, गाजियाबाद

नॉर्थ सेंट्रल रेलवेः आगरा, मथुरा, झांसी, कानपुर, प्रयागराज

नॉर्थ ईस्टर्न रेलवेः लखनऊ, गोरखपुर, छपरा

नॉर्थ फ्रंटियर रेलवेः गुवाहटी, दीमापुर, न्यू जलपाईगुड़ी, लम्डिंग, मेबॉन्ग, कटिहार, किशनगंज, सिलीगुड़ी, कोकराझार, डिब्रूगढ़, जोरहट टाउन

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवेः जयपुर, अजमेर, बीकानेर, जोधपुर

सदर्न रेलवेः त्रिवेंद्रम, एर्नाकुलम, कोयंबटूर, मदुरै, कालीकट, तिरुचरापल्ली, मैंगलोर, चेन्नई सेंट्रल, चेन्नई, बीच, मांबालम, टंबारम, बेसिन ब्रिज, त्रिवल्लूर

साउथ सेंट्रल रेलवेः सिकंद्राबाद, हैदराबाद, तिरुपति

साउथ ईस्टर्न रेलवेः खड़गपुर, रांची, टाटानगर, राउरकेला, बोकारो, पुरुलिया, अदरा, मुरी, मिदनापुर

साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवेः बिलासपुर, रायपुर, गोन्डिया

साउथ वेस्टर्न रेलवेः बैंगलुरु, यशवंतपुर, मैसूर

वेस्ट सेंट्रल रेलवेः भोपाल और इटारसी

वेस्टर्न रेलवेः सूरत, वडोदरा, गोधरा, अहमदाबाद, उज्जैन, चर्चगेट, मरीन ड्राइव, चर्नी रोड, ग्रांट रोड, मुंबई सेंट्रल, महालक्ष्मी, लोअर परेल, प्रभादेवी, दादर, माटुंगा रोड, माहिम, बांद्रा, बाद्रा टर्मिनल, खार रोड, सांताक्रूज, विले पार्ले, अंधेरी, जोगेश्वरी, गोरेगांव, मालाड, कांदिबली, दहिसर, मीरा रोड, भायंदर, नयागांव, वसई रोड, नाला सोपारा, विरार, पालघर, बोइसर.


सोमवार, 7 जनवरी 2019

महज़ जुमलेबाजी बनकर ना रह जाये सवर्ण आरक्षण बिल

सवर्ण आरक्षण बिल को पारित करने के लिए मोदी सरकार के पास है सिर्फ एक दिन

महज़ जुमलेबाजी बनकर ना रह जाये सवर्ण आरक्षण बिल। क्योंकि मोदी सरकार के पास सवर्णों को आरक्षण देने का विधेयक पारित करने के लिए सिर्फ एक दिन का समय है। कल यानी आठ जनवरी को संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है। सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के कैबिनेट में लिए गए फैसले को कानूनी जामा पहनाने के लिए कल का ही वक्त सरकार के पास है। ऐसे में संसद खुलते ही सरकार को लोकसभा में आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के लिए संशोधन विधेयक पेश करना होगा।

लोकसभा में बहुमत है तो सरकार कुछ ही समय में विधेयक पास करा ले जाएगी। फिर क्या यह विधेयक राज्यसभा में भी उसी दिन पास हो पाएगा? वह भी तब, जबकि सरकार के पास उच्च सदन में बहुमत नहीं है। इस प्रस्ताव को संविधान सभा को भेजने की विपक्ष मांग उठा सकता है। जिससे देरी लग सकती है। हालांकि सियासी जानकार बताते हैं कि कांग्रेस सहित कई दल चुनावी सीजन में इसका सपोर्ट भी कर सकते हैं, क्योंकि अगड़ी जातियों को वे भी नाराज नहीं कर सकते।

फिर भी संसद के एक ही कार्यदिवस में इतने बड़े प्रस्ताव के पास होने की उम्मीद कम है। इसके लिए या तो कल चर्चा के दौरान संसद को देर शाम तक गतिशील किया जा सकता है या फिर 11 दिसंबर से आठ जनवरी के शीतकालीन सत्र को दो से तीन दिन बढ़ाने का फैसला हो सकता है। इसके अलावा सरकार के पास कोई चारा नहीं है।


लोकसभा चुनाव के ठीक पहले सरकार को याद आये सवर्ण

सरकार ने लिया बड़ा फैसला, आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण

केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक खेला है! मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि वह सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देगी। सोमवार को मोदी कैबिनेट की हुई बैठक में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लगाई गई। कैबिनेट ने फैसला लिया है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने संबंधी बिल पेश कर सकती है। सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार संविधान में संशोधन के लिए बिल ला सकती है।

सरकार के इस बड़े फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि गरीब सवर्णों को आरक्षण मिलना चाहिए. पीएम मोदी की नीति है कि सबका साथ सबका विकास। सरकार ने सवर्णों को उनका हक दिया है। पीएम मोदी देश की जनता के लिए काम कर रहे हैं।

मालूम हो कि करीब दो महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। हाल ही में संपन्न हुए मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार हुई थी। इस हार के पीछे सवर्णों की नाराजगी को अहम वजह बताया जा रहा है।