रविवार, 16 दिसंबर 2018

पूंजीपतियों की पक्षधर है मोदी सरकार

मोदी सरकार गरीबों की नहीं पूंजीतियों की है पक्षधर  

 गरीब कर रहे हैं त्राहि-त्राहि 


यह मोदी सरकार पूंजीपतियों का पालक और पोषक है।इसके कई उदाहरण है।मेरी यह बात अंधभक्तों को नागवार गुजरेगी।कोई बात नहीं
अंधभक्तों जरा मेरे इस तथ्य पर गौर जरूर करेंगे। उसके बाद ही अपनी प्रतिक्रिया देंगे।

यह सरकार पूंजीपतियों का पोषक है ? कैसे।
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पूर्व की सभी सरकारों ने गरीब के हित को ध्यान में रखा। कभी भी उसे फजीहत में नही डाला। यँहा तक की अटल_बिहारी_बाजपेयी_की_सरकार_ने_भी।
                 लेकिन मोदी सरकार ने कभी भी गरीबों का ध्यान नहीं रखा। यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही रूप से पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा रही है। बीते साढ़े चार वर्षों में गरीबों पर पहाड़ तोड़ कर रख दिया है।

              सुदूर ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्र में जितनी भी मोबाइल कम्पनियां कार्यरत है उसका नेटवर्क भगवान भरोसे चल रहा है। उन सभी मोबाइल कम्पनियो के मालिक पूंजीपति है।
BSNL (सरकारी) की स्थिति भी ठीक नहीं है।
नतीजतन उपभोक्ता एक या दो कम्पनियो का ग्राहक बन गया है। ताकि एक कम्पनी के नेटवर्क की खराबी के बाद भी उनका सम्पर्क देश दुनियां से बना रहे।
     पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में इसके लिए उपभोक्ताओं को इसके लिए कोई अत्यधिक बोझ उठाना नही पड़ता था।

लेकिन मोदी_राज में स्थिति काफी विपरीत हो गयी है।

1. मोबाइल कम्पनियों ने 30 दिनों के बदले 28 दिन का महीना बना दिया।
2. अब हर अलग-अलग नेटवर्क कम्पनियों के नम्बर की वेलिडिटी मात्र 28 दिनों की हो गयी है। जबकि पूर्व में ऐसा नहीं था।
3. हर नेटवर्क के नम्बर की जीवित रखने के लिए अब कम से कम 35/-₹ या उससे अधिक की राशि प्रति नम्बर हर 28 दिनों के लिए देना अनिवार्य हो गया है।
                             यदि आप यह राशि नहीं देते है। तो आपके नम्बर पर न तो कोई आउटगोइंग की और न ही इनकमिंग की सुविधा रहेगी। जबकि पहले ऐसा नहीं था।

#अंधभक्तों_जरा_गौर_करेंगे!!!!!!
           अभी भी काफी संख्या में ऐसे मोबाइल धारक है। जो सिर्फ अपने काम से मतलब रखने के लिए मोबाइल का उपयोग करते है।
          कई ऐसे उपभोक्ता है जो सिर्फ मिस कॉल करके ही अपना काम चला लेते थे।
           कई उपभोक्ता अब भी ऐसे है जो महीने में एक या दो बार ही मोबाइल का उपयोग करते हैं। बाकी समय वह अपने निजी कामों में व्यस्त रहते हैं। लेकिन देश-दुनियां-परिवार-समाज के सम्पर्क में बने रहने के लिए मोबाइल का प्रयोग करते है।

जिनपर #मोदी_सरकार ने अतिभार लगा दिया है।

यह तो महज एक बानगी मात्र है। और भी मुद्दे हैं।
 जिस कारण मोदी_राज_में_आम_गरीब_त्राहि_त्राहि_कर रहे हैं।
जिसके दर्द को समझने की जरूरत है।



बुधवार, 5 दिसंबर 2018

ट्रेन के हर डिब्बे पर लिखे नम्बर में छिपा है एक रहस्य


ट्रेन के हर डिब्बों पर लिखे  5 अंकों के नंबरों का मतलब क्या होता है .. आइये जाने

       हमारे देश में ट्रेनें यातायात का मुख्य साधन है। भारत में हर रोज लाखों लोग ट्रेन में सफर करने है यहां गरीब से लेकर अमिर तक बच्चों से लेकर बुड्ढों तक इस में हर वर्ग के लोग रेल के सफर का आनंद लेते हैं दरअसल रेल की यात्रा अपने आप में बहुत रोमांचक होती है।

आपने भी कभी ना कभी रेल में यात्रा की ही होगी लेकिन क्या आपने ट्रेन पर लिखी कुछ जानकारियां को नोटिस किया है, आपको बता दें कि सभी ट्रेनों पर कई सारी महत्वपूर्ण जानकारियां लिखी होती हैं जो बहुत काम की होती हैं लेकिन इन पर लोग बहुत कम ध्यान देते हैं और इन से अभी तक बहुत लोग अंजान है। ट्रेन के सफर के दौरान आपने देखा होगा कि हर रेल पर 5 नंबर लिखे होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इन नंबरों के लिखने के पीछे क्या कारण है, दरअसल ये नंबर एक बहुत ही खास वजह से लिखे जाते हैं जिनसे हम उस ट्रेन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आज हम आपको ट्रेन पर लिखें जाने वाले इन्हीं नंबरों के बारे में बताने जा रहे हैं तो आईये जानते हैं।

जो ट्रेन 0 नंबर से शुरू होती है वह ट्रेन स्पेशल होती है। दरअसल यह ट्रेन किसी खास मौके या किसी बड़े त्यौहार जैसे होली या दिवाली के समय चलाई जाती है। इसके अलावा किसी पूजा स्थल पर श्रद्धालुओं को लाने ले जाने के लिए ये ट्रेन चलती हैं। जो ट्रेन 1 नंबर से शुरू होती है वह लम्बे रूट के लिए चलाई जाती है, जो की एक्सप्रेस ट्रेन होती है और इसको छोटे स्टेशनों पर नहीं रोका जाता यह सिर्फ बड़े शहरों में रूकती है।

जो ट्रेन 2 नंबर से शुरू होती है वह भी लंबी दूरी की ट्रेन को दर्शाता है। इसलिए 1 और 2 नंबर से शुरू होने वाली दोनों ही ट्रेन लंबे रूट के लिए जानी जाती है जो ट्रेन 3 नंबर से शुरू होती है वह कोलकाता सब अर्बन ट्रेन के बारे में जानकारी देती है। 4 नबंर से शुरू होने वाली ट्रेनें चेन्नई, नई दिल्ली, सिकंदराबाद सहित जो अन्य मेट्रो सिटीज है उनको दर्शाती है।

नंबर 5 से शुरू होने वाली ट्रेन कन्वेंशनल कोच वाली पैसेंजर ट्रेन होती है। नंबर 6 वाली ट्रेनें मेमू ट्रेन होती है। नंबर 7 से शुरू होने वाली ट्रेन डूएमयू और रेलकार सर्विस के लिए होती है। नंबर 8 से शुरू होने वाली ट्रेनें हमें मौजूदा समय में आरक्षित स्थिति के बारे में जानकारी देती है। नंबर 9 से शुरू होने वाली ट्रेनें मुंबई क्षेत्र की सब-अर्बन ट्रेनों के बारे में बताती है।

तो आपको अब पता लग गया होगा की ट्रेनों पर ये नंबर क्यों लिखे होते हैं अगली बार आप जब कभी अपने परिवार या मित्रों के साथ ट्रेन में सफर करने के लिए जाएं तो आप इन नंबरों को देखकर आसानी से पता लगा सकेंगे की कौन सी ट्रेन किस से संबंधित हैं और अपने दोस्तों को भी इस बारे में बताकर उनके सामने स्मार्ट बन सकते हो। आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो कमेंट करके जरूर बताएं और शेयर भी जरूर करें ताकी और लोगों को भी इस बारे में पता लग सके।